बच्चा आदमी का पिता होता है कविता Child is the father of man poem
Child is the father of man poem
बच्चा आदमी का पिता होता है यह कहावत प्रसिद्ध कवि विलियम वर्ड्सवर्थ ने कहीं है वास्तव में यह कहावत एकदम सही है इस कहावत से तात्पर्य है कि एक बच्चा जो भी अपने बचपन में पसंद करता है, अपने शिक्षकों से, माता-पिता से जो भी सीखता है वह आदतें, वह पसंद नापसंद उसके बड़े होने पर यानि आदमी होने पर भी रहती हैं यानी बच्चा आदमी का पिता होता है। आदमी जो भी करता है सीखता है वह सब बच्चे से ही सीखता है। बचपन में वह जो करता है वह बड़ा होकर आदमी बनकर भी करता है आज हमने इस कहावत पर एक कविता लिखी हैं आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं इस कविता को
बच्चा आदमी का पिता होता है
जीवन में आगे बढ़ता है
जो भी बच्चा सीखता है
जीवन में वो ना भूलता है
बच्चे की आदतें
आदमी में भी दिखती हैं
शिक्षकों के ज्ञान से बच्चा
आदमी बनकर जीवन बदलता है
प्रकृति को जिस खुशी से वह महसूस करता है
आदमी बनकर वह खुशी भी महसूस करता है
बच्चा आदमी का पिता होता है
जीवन में आगे बढ़ता है
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