प्रेम मंदिर का इतिहास और रहस्य Prem mandir vrindavan in hindi
प्रेम मंदिर का इतिहास और रहस्य
दोस्तों नमस्कार, कैसे हैं आप सभी आज हम आपके लिए लाए हैं मथुरा के वृंदावन के एक बहुत ही बेहतरीन मंदिर प्रेम मंदिर के बारे में
प्रेम मंदिर वह मदिर है जिसे देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी कई श्रद्धालु आते हैं। प्रेम मंदिर अपने आपमें एक अनोखा मंदिर है। यदि आप मथुरा वृंदावन में आए हैं और आपने प्रेम मंदिर नहीं देखा तो जरूर देखिए क्योंकि प्रेम मंदिर अपने आपमें एक अनोखा मंदिर है, जहां पर यदि आप चले जाते हैं तो आपका मन वहीं पर रमा रहता है तो चलिए जानते हैं प्रेम मंदिर के बारे में विस्तार पूर्वक
प्रेम मंदिर का निर्माण- प्रेम मंदिर का निर्माण 2001 में शुरू हुआ था। 2001 से ही हजारों मजदूर प्रेम मंदिर के निर्माण में लगे हुए थे और 11 सालों में प्रेम मंदिर का निर्माण हुआ है। प्रेम मंदिर के निर्माण में संगमरमर के पत्थरों का उपयोग किया गया है करीब 11 साल के निर्माण के बाद इसे दर्शकों के लिए खोल दिया गया।
बहुत ही अनोखा और बेहतरीन मंदिर- प्रेम मंदिर वृंदावन का सबसे बेहतरीन और अनोखा मंदिर है। दरहसल दोपहर में यदि हम इस मंदिर को देखने के लिए जाते हैं तो हमें यह देखने में सफेद प्रतीत होता है लेकिन शाम के समय यह रंग बिरंगा दिखाई देता है जिसे देखकर लोग इसकी ओर काफी आकर्षित होते हैं। यह मंदिर श्री राधाकृष्ण और सीता राम को समर्पित है।
इस मंदिर के आसपास विशाल मैदान भी है जिसमें तरह-तरह की झांकियां है वास्तव में आसपास की झांकियों को जब आप देखते हो तो आप मनमोहित हो जाते हो। यहां पर भगवान श्री कृष्ण की लीला की झांकी हमें देखने को मिलती है इन झांकियों में कालिया नाग लीला, गोवर्धन लीला एवं राधा कृष्ण की कई तरह की बेहतरीन झांकियां आपको देखने को मिलती हैं जिन्हे देखकर आप बार-बार इस मंदिर में आने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
चारों ओर की यहां की झांकियां और यहां के विशाल मंदिर को देखकर आपका घंटो यहीं पर रुकने का मन करता है। वृंदावन में वैसे तो कई सारे मंदिर हैं लेकिन प्रेम मंदिर अपने आप में एक अनोखा और बहुत ही बेहतरीन मंदिर है।
मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए भवन भी है जिसमें श्रद्धालु सत्संग कर सकते हैं इसमें 25000 से भी ज्यादा श्रद्धालु एक साथ में आ सकते हैं। मंदिर खुलने के बाद ही यहां पर सत्संग की ध्वनि श्रद्धालुओं को सुनाई देती है। यह मंदिर श्री राधा कृष्ण और सीताराम के प्रेम का प्रतीक है इसलिए यह मंदिर देखने के लिए आपको जरूर जाना चाहिए।
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