पर्यावरण संकट पर निबंध Paryavaran sankat par nibandh
paryavaran sankat par nibandh
Paryavaran sankat – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पर्यावरण संकट पर लिखे निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर पर्यावरण संकट पर लिखे निबंध के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।
पर्यावरण संकट के बारे में – आज पूरे विश्व पर पर्यावरण संकट के बादल मंडरा रहे हैं । बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण दिन-प्रतिदिन पर्यावरण दूषित होता जा रहा है ।पर्यावरण संकट एक ऐसी समस्या है यदि इस समस्या का निवारण नहीं किया गया तो आने वाले समय में इसके दुष्प्रभाव दुनिया के सभी लोगों को भुगतना पड़ेगा । व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पर्यावरण संसाधनों का निरंतर दोहन कर रहा है जिसके कारण पर्यावरण संकट बढ़ता जा रहा है । दिन प्रतिदिन व्यक्ति अपने रहने के घर को बनाने के लिए प्रकृति के साथ छेड़छाड़ कर रहा है ।
अधिक मात्रा में पेड़ों को काटा जा रहा है । जो पेड़ व्यक्ति को शुद्ध ऑक्सीजन देते हैं व्यक्ति उन पेड़ों को मकान बनाने के लिए काट रहा है । दिन प्रतिदिन वन , जंगल नष्ट होते जा रहे हैं जिसके कारण पर्यावरण प्रदूषण तेजी से फैल रहा है । व्यक्ति अपनी सुविधा के लिए निरंतर प्रकृति के साथ छेड़छाड़ कर रहा है । पूरा विश्व पर्यावरण संकट की समस्या से जूझ रहा है ।पर्यावरण संकट का सबसे बड़ा कारण बढ़ती हुई जनसंख्या है । जनसंख्या दिन प्रतिदिन इतनी बढ़ गई है कि लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करना मुश्किल होता जा रहा है ।
पर्यावरण दूषित हो जाने के कारण कई तरह की बीमारियां जन्म ले रही हैं । पर्यावरण प्रदूषण फैलने का सबसे बड़ा कारण औद्योगिक क्षेत्र है । कारखानों में से हानिकारक गैस निकलती हैं जिससे पर्यावरण दूषित हो रहा है । नदी का पानी आज गंदा हो गया है क्योंकि जनसंख्या बढ़ने से शहरों की गंदगी , फैक्ट्रियों से निकलने बाला गंदा पानी नदी तालाबों में मिल जाता है और पानी दूषित हो जाता है । जब उस पानी को कोई व्यक्ति पीता है तब वह बीमार हो जाता है । आज हम देख रहे हैं कि ना तो बरसात सही समय पर होती है और ना ही कोई भी मौसम सही समय पर आता है ।
यह सब प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने के कारण होता है । व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करके पर्यावरण संकट को बढ़ा रहा है । आज डीजल , पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों के कारण अधिक मात्रा में प्रदूषण फैल रहा है । बड़े-बड़े शहरों में ना तो पानी शुद्ध है और ना ही हवा सभी घुटन महसूस कर रहे हैं । दिन प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ता जा रहा है । पूरा विश्व बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण चिंतित है । विश्व में सुविधाएं तो बढ़ रही हैं परंतु प्रदूषण भी तेज गति से बढ़ रहा है । आज नदी तालाब नष्ट होते जा रहे हैं ।
यदि आज प्रदूषण बढ़ने से रोका नहीं गया तो आने वाले समय में सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा । बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण बाढ़ भूकंप जैसी घटनाएं होती हैं । कई जगहों पर जमीन धंस जाती है तो कहीं पर बरसात नहीं होती है ।मनुष्य ने अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए जिस तरह से वनो , जंगलों को नष्ट किया है उसी का दुष्परिणाम है कि आज प्रदूषण फैल रहा है । पर्यावरण संकट निरंतर बढ़ रहा है । सभी को मालूम है की प्रदूषण निरंतर बढ़ रहा है । परंतु फिर भी लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं । यदि पर्यावरण संकट से निपटना है तो सभी लोगों को प्रकृति को हरी-भरी बनाना होगा ।
जो पेड़ पौधे बचे हुए हैं उन पेड़ पौधों को कटने से रोकना होगा । इसके साथ-साथ एक जागरूक अभियान प्रारंभ करने की आवश्यकता है और उस जागरूक अभियान के तहत लोगों को जागरूक करना होगा कि प्रकृति हमारे जीवन के लिए किस तरह से उपयोगी है । यदि प्रकृति नष्ट होती गई तो आने वाले समय में सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा । पर्यावरण संकट से निपटने के लिए हमें पेट्रोल , डीजल से जो वाहन चलते हैं उन वाहनों को कम मात्रा में उपयोग में लाना चाहिए । देश की सरकार को इलेक्ट्रिक वाहनों पर अधिक फोकस करना चाहिए जिससे कि वातावरण दूषित ना हो ।
जो कारखाने सबसे अधिक पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं उन सभी कारखानों पर रोक लगा देनी चाहिए । कारखानों से निकलने वाला दूषित जल को नदी तालाब में जाने से रोक देना चाहिए जिससे कि नदी तालाबों का जल दूषित ना हो सके ।
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