पंडित गोविंद बल्लभ पंत पर निबंध Pandit govind ballabh pant essay in hindi

Pandit govind ballabh pant essay in hindi

पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी हमारे भारत के एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने हमारे देश को अंग्रेजों से आजाद कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गोविंद बल्लभ पंत जी उन महान व्यक्तियों में से एक थे जिन्होंने स्वतंत्रता सेनानी के रूप में एवं भारत के राजनेता के रूप में अपना योगदान दिया , देश को आजाद कराया ।आज हम पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी के बारे में जानेंगे ।

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गोविंद बल्लभ पंत जी का जन्म 10 सितंबर 1887 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ था । गोविंद बल्लभ पंत जी बचपन से ही पढ़ाई में रुचि रखते थे और वह अपने पिता श्री मनोरथ पंत जी के आदर्श पर चलते थे । उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा अपने घर से ही प्राप्त की इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद से वकालत की शिक्षा प्राप्त की और वह वकालत करने लगे फिर उनके पिताजी ने उनका विवाह श्रीमती गंगा देवी से करा दिया ।

गोविंद बल्लभ पंत जी ने अंग्रेजी और संस्कृत में शिक्षा प्राप्त की और जब हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था तब कई बार उन्होंने अंग्रेजों का विरोध किया और वह कई बार अंग्रेजों का विरोध करने के कारण जेल भी गए हैं जैसे कि सन 1921 ,1930, 1932 और 1934 में अंग्रेजी का विरोध करने के कारण जेल में भी रहे थे।

जब हमारा देश आजाद हुआ तब 15 अगस्त 1947 को उन्हें हमारे भारत के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया और उन्होंने अपनी पूरी मेहनत और पूरी लगन से उत्तर प्रदेश के लोगों को आगे बढ़ाया एवं हमारे भारत के गृह मंत्री के रूप में उनको चुना गया वो सन 1955 से सन 1961 तक भारत के गृह मंत्री भी रहे हैं ।

उन्होंने इस पद को अपनी पूरी लगन से निभाया हैं । हमारे देश के पूर्व गृह मंत्री गोविंद बल्लभ पंत जी ने हमारे देश को सही रास्ते पर चलाने के लिए और अंग्रेजों को देश से बाहर भगाने के लिए अपनी वकालत तक छोड़ दी।

जब वह वकालत करते थे तब अपनी पूरी मेहनत, सच्चाई का साथ देते थे एक बार जब वह किसी केस की वकालत करने के लिए कोर्ट में गए तो धोती, कुर्ता और टोपी पहनकर कोर्ट के मजिस्ट्रेट जो अंग्रेज था उन्होंने इसका विरोध जताया ।

हमारे गोविंद बल्लभ पंत जी महान व्यक्ति थे और उन्होंने अपना जीवन देश के नाम किया और पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया हैं । गोविंद बल्लभ पंत जी की 7 मार्च 1961 को मृत्यु हो गई ऐसे व्यक्ति को आज भी हम पूरे मन से याद करते हैं और उनको सलाम करते हैं ।

गोविंद बल्लभ पंत जी ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश के हित में गुजारी। सन 1920 में पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी ने रोलेट एक्ट के विरोध में असहयोग आंदोलन के लिए अपनी वकालत छोड़ दी और गांधी जी के आदर्शों पर चलते हुए उनके कहने पर गोविंद बल्लभ पंत पूरी तरह से राजनीति में आ गए ।

वह अपने भारत को आजाद कराने के लिए महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलने लगे और अंग्रेजों के विरोध के लिए कई बार जेल भी जा चुके हैं । फिर भी उन्होंने अंग्रेजों का विरोध करना बंद नहीं किया ऐसे महान व्यक्ति गोविंद बल्लभ पंत जी हमारे भारत में जन्मे हैं यह हमारा सौभाग्य है।

दोस्तों हमें बताएं की पंडित गोविंद बल्लभ पंत पर निबंध आपको कैसा लगा.

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