नाग पंचमी की पूजा विधि व कथा Nag panchami puja vidhi, story in hindi
Nag panchami puja vidhi in hindi
दोस्तों नाग पंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है नाग पंचमी के दिन शिव शंकर और नाग देवता की पूजा करने का विशेष महत्व होता है चलिए जानते हैं नाग पंचमी की पूजाविधि। नाग पंचमी के दिन हमें सबसे पहले स्नान आदि करके भगवान शिव शंकर को जल चढ़ाना चाहिए, उनकी पूजा आराधना करनी चाहिए, उसके बाद नाग देवता जोकि शिव शंकर के ही एक आभूषणों में से एक हैं .
उनकी हमें पूजा करनी चाहिए, उनको भी जल चढ़ाना चाहिए इस दिन हमें चाहिए कि हम अपने घर के मुख्य द्वार पर गोबर से नाग देवता की आकृति बनाएं अगर हम चाहें तो इसे दीवाल पर भी नाग देवता की छोटी सी आकृति बना सकते हैं और उसकी पूजा कर सकते हैं। बहुत सारे लोग नाग पंचमी के दिन सर्पों की बामी में दूध पिलाने जाते हैं इस दिन का विशेष महत्व होता है मंदिरों में भी कई लोग गरीबों को दान करते हैं, ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं, उन्हें भी दान करते हैं।

हमें चाहिए कि इस दिन हम पूजा करने के लिए कुछ सामग्री जैसे कि कच्चा दूध, चावल, जल आदि रखें और उससे नाग देवता की पूजा करें, उन्हें भोग चढ़ाएं, नाग देवता की आरती उतारें, इस कथा का महत्व समझें और कथा भी सुने इस दिन व्रत रहने का भी विशेष महत्व होता है बहुत से लोग इस दिन व्रत रहते हैं इस दिन हमें अपने पूरे परिवार के सुख समृद्धि के लिए शिव शंकर और नाग देवता से कामना करनी चाहिए।
Nag panchami story in hindi
एक समय की बात है कि एक नगर में एक सेठ जी रहा करते थे उनके 7 पुत्र थे जब वह बड़े हुए तो उन्होंने अपने सातों पुत्रों का विवाह कर दिया उन सातों बहुओं में से जो छोटी वाली बहू थी वह बहुत ही सुशील और संस्कारी थी एक दिन बह सातों बहुएं पास में ही मिट्टी लेने के लिए गई हुई थी बड़ी बहू जब खुरपी से मिट्टी खोद रही थी तभी उसमें से एक सांप निकला छोटी बहू ने उस सांप को बचाया और उसको खुरपी से ना मारने को कहा छोटी बहू उस सांप से मिली और यह कहकर अपने घर आ गई कि मैं कुछ समय बाद तुम्हारे लिए दूध लेकर आऊंगी .
अगले दिन उस सांप के लिए दूध लेकर गई तो सांप ने उस छोटी बहू को अपनी बहन मान लिया और फिर छोटी बहू अपने घर चली गई कुछ समय बाद वही सांप एक आदमी का रूप धारण करके उस छोटी बहू के घर जा पहुंचा और कहने लगा कि मैं इसका दूर का भाई हूं मैं इसे लेने आया हूं फिर छोटी बहू उसके साथ चल पड़ी। रास्ते में उसने बताया कि मैं वही सांप हूं जिसको तुम ने दूध पिलाया था वह अपनी बहन को अपने साथ अपने घर ले गया सांप का वह घर बहुत ही आलीशान हीरे जवाहरातों का था.
बहू कुछ दिन घर में रुकी एक दिन उस छोटी बहू ने गलती से गर्म दूध सबको पिला दिया यह देखकर उस सबकी मां बाप बहुत ही क्रोधित हुए लेकिन उस सर्प के समझाने पर उसके मां-बाप शांत हो गए फिर सर्प ने विदा करते समय अपनी बहन को एक हीरो से बना हुआ हार दे दिया और बहुत सारे जेवर भी दिए जब छोटी बहू उन्हें लेकर अपने घर चली आई। इधर जब पता लगा परिवार वालों को कि छोटी बहू हीरे-जवाहरात लेकर आई है तो परिवार वाले उस को परेशान करने लगे कहने लगे कि इतना सारा धन किधर से लेकर आई है .
इधर राज्य की रानी को पता लगा कि सेठ की बहू के पास एक बहुत ही बढ़िया हार है तो उसने अपने राजा से कहा राजा ने सैनिक को आदेश दिया कि वह हार रानी के लिए लेकर आए सेनापति उस हार को लेकर आया और रानी को दे दिया छोटी बहू का जब वह सेनापति हार ले गया तो वह बहुत ही दुखी हुई उसने अपने सर्प भाई को याद किया और कह दिया कि जो हार तुमने मुझे दिया है वह रानी के लिए सेनापति ले गया है तुम कुछ ऐसा करो कि अगर रानी वह हार पहने तो वह सांप बन जाए और अगर मैं पहनू तो हीरो का हार बना रहे.
सांप ने ऐसा ही किया जैसे ही रानी ने वह हार पहना तो वह सर्प बन गया जिस वजह से रानी ने वह हार उतार फेंका और फिर वह हार उस सेठ की छोटी बहू को मिल गया। जब छोटी बहू के परिवार वाले छोटी बहू को परेशान करने लगे कि इतना सारा हीरा जवाहरात, हार कहां से लाई है तभी वही सर्प प्रकट हुआ और उन्होंने पूरी बात कही और यह भी कह दिया कि अगर कोई मेरी बहन को परेशान करेगा तो मैं उसको डस लूंगा उसी दिन से हर साल नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है उसी दिन से हर औरत सर्प देवता को अपना भाई समझ कर उनकी पूजा करती हैं।
- नाग पंचमी पर निबंध व विचार Nag panchami essay & quotes in hindi
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