काली मां और शिव जी की कथा kali maa and shiva story in hindi
kali maa and shiva story in hindi
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं माता काली और भगवान शिव शंकर की कथा आप इसे जरूर पढ़ें. मां काली दुर्गा मां का रूप है. राक्षसों का संहार करने के लिए माँ दुर्गा ने मां काली का रूप धारण किया था और रक्तबीज का संहार कर दिया था चलिए जानते हैं मां काली और शिव शंकर जी की इस बेहतरीन कथा को
राक्षस राज रक्तबीज ने भगवान की घोर तपस्या करके यह वर प्राप्त कर लिया था कि उसकी एक बूंद भी यदि धरती पर गिरी तो उससे भी कई रक्तबीज पैदा हो जाएंगे, यह वर प्राप्त करके रक्तबीज अपने आपको अमर समझने लगा था उसको कोई भी नहीं मार पा रहा था, वह तीनों लोकों पर हाहाकार मचा रहा था जिसके वजह से देवी देवता सभी परेशान थे.
रक्तबीज का युद्ध देवताओं के साथ भी हुआ लेकिन रक्तबीज की एक बूंद भी यदि धरती पर गिरती तो उससे कई सारे देत्य पैदा हो जाते जिस वजह से देवी देवताओं को रक्तबीज को मारना संभव नहीं हो पा रहा था तभी रक्तबीज के संहार के लिए देवी देवताओं की प्रार्थना पर मां दुर्गा ने मां काली का रूप धारण किया. मां काली मां दुर्गा का काला और डरावना रूप था. मां दुर्गा ने रक्तबीज के संहार के लिए अपनी जीव्हा को बढ़ा कर लिया और रक्तबीज का संहार करने लगी.
रक्तबीज से जो रक्त गिरता जय मां काली की जीवा में आ जाता है जमीन पर नहीं गिर पाता इस तरह से मां काली ने रक्तबीज नामक भयानक दैत्य का संहार किया.संहार करने के बाद माँ काली काफी गुस्से मे थी, वह और भी दैत्यों को मारकर उनका खून पीना चाहती थी.
जिस वजह से सारी पृथ्वी पर हा हा कार मच गया था, सभी देवी देवता समझ चुके थे कि यदि मां काली का क्रोध शांत न किया गया तो सारी पृथ्वी का विनाश हो जाएगा इसी वजह से सभी देवी देवता भगवान शंकर के पास गए और मां काली के क्रोध को शांत करने की प्रार्थना की.
सभी देवी देवताओं के आग्रह पर भगवान शिव शंकर मां काली के क्रोध को शांत करने के लिए चले गए, भगवान शिव शंकर ने मां काली के क्रोध को शांत करने की काफी कोशिश की लेकिन यह नहीं हो सका जिस वजह से भगवान शिव शंकर मां काली के रास्ते में आकर लेट गए और मां काली के चरणों के नीचे आ गए और मां काली के चरण शिव शंकर पर पड़े. जब मां काली की नजर भगवान शिव शंकर पर पड़ी तभी जाकर मां काली का क्रोध शांत हुआ, उन्होंने जब भगवान शिव शंकर को अपने चरणों के नीचे देखा तो उन्हें काफी बुरा लगा, अकस्मात ही उनका क्रोध दूर हो गया और पृथ्वी का विनाश होने से बच गया. मां काली केवल दैत्यों के विनाश के लिए आई थी.
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