अहिंसा और युवा विषय पर निबंध Ahinsa or yuva vishay par hindi me essay
Ahinsa or yuva vishay par hindi me essay
Ahinsa or yuva – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से अहिंसा और युवा विषय पर लिखे निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर अहिंसा और युवा विषय पर लिखे निबंध के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।
अहिंसा और युवा के बारे में – हमारे भारत देश के महान व्यक्ति , राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के द्वारा यह संदेश दिया गया है कि अहिंसा ही मनुष्य का पहला धर्म है । अहिंसा के मार्ग पर चलकर व्यक्ति एक सफल इंसान बन सकता है यदि देश के उज्जवल भविष्य को बेहतर और उज्जवल बनाना है तो देश की युवा पीढ़ी को अहिंसा के रास्ते को अपनाना होगा । जो पढ़े-लिखे युवा होते हैं वह अधिकतर अहिंसा के रास्ते पर चलकर अपने जीवन को आगे बढ़ाते हैं । जो युवा युवा अवस्था में गर्मजोशी के कारण हिंसा करते हैं , हिंसा के रास्ते पर चलते हैं वह सफल जीवन की ओर जाने से भटक जाते हैं , उनको कई तरह की कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है इसलिए अहिंसा और युवा दोनों ही देश के उज्जवल भविष्य के लिए आवश्यक हैं ।
जब देश के युवा अहिंसा के रास्ते पर चलकर लोगों के कल्याण के लिए कार्य करेंगे तब युवा देश को विकास के रास्ते पर ले जाएंगे । हिंसा करने से किसी भी व्यक्ति का भला नहीं होता है ।अहिंसा के रास्ते पर चलने से व्यक्ति के जीवन में खुशी तो आती ही है इसके साथ-साथ उस व्यक्ति को मान सम्मान भी प्राप्त होता है । युवा गर्मजोशी और उबलते हुए खून से भरा हुआ होता है वह इस अवस्था में यह नहीं सोचता है कि हिंसा एक बुरी लत है जिस रास्ते पर चलने से कामयाबी कभी भी प्राप्त नहीं होती है । जब युवा पीढ़ी अहिंसा के रास्ते पर चलती है तब युवा अपने विकास के साथ-साथ अपने राष्ट्र का विकास करते हैं ।
जो युवा सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर अपने जीवन को आगे बढ़ाता है उसे सफलता की ऊंचाई पर पहुंचने के लिए दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है । हमारे भारत देश में कई ऐसे महान लोगो ने जन्म लिया है जिन्होंने अहिंसा को ही अपने जीवन जीने का रास्ता बनाया है ।गौतम बुद्ध , महात्मा गांधी और भी कई ऐसे महापुरुष हैं जिन्होंने अहिंसा के रास्ते पर चलकर राष्ट्र के विकास में और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।
सत्य और अहिंसा दोनों रास्तों पर चलकर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को सफल जीवन बना सकता है लेकिन जो युवा अपनी गर्मजोशी के कारण हिंसा को ही सत्य मानता है वह युवा मूर्ख होता है क्योंकि हिंसा कभी भी सत्य का रास्ता नहीं होता है । जो व्यक्ति अहिंसा के रास्ते पर चलता है वह सच्चाई के साथ हमेशा खड़ा रहता है , बुराइयों से दूर रहकर अच्छाई को अपनाकर अपने जीवन में एक सफल इंसान बनता है । यदि हम भारत देश के महापुरुष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की बात करें तो महात्मा गांधी जी ने अहिंसा का और सत्य का रास्ता अपनाकर भारत देश को आजादी दिलाई है ।
महात्मा गांधी जी ने कभी भी हिंसा का साथ नहीं दिया है । महात्मा गांधी जी सदैव अहिंसा और सत्य पर विश्वास रखते थे । युवा पीढ़ी को यह कोशिश करना चाहिए कि वह अहिंसा के रास्ते पर चलकर देश के विकास में अपना योगदान दें । हिंसा के रास्ते पर चलने से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है । गर्मजोशी में जो युवा हिंसा का मार्ग अपनाता है वह लड़ाई , झगड़े और झूठ के मार्ग पर चल कर अपने अमूल्य जीवन को बर्बाद कर देता है । यह ना तो युवा पीढ़ी के लिए सही है और ना ही देश के लिए क्योंकि युवा पीढ़ी ही देश की रीड की हड्डी होती है ।
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