मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का इतिहास Mehndipur balaji history in hindi

Mehndipur balaji history in hindi

Mehndipur balaji history in hindi- दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम आपको बालाजी महाराज के सबसे विख्यात मंदिर मेहंदीपुर बालाजी के बारे में बताने वाले हैं यह मंदिर राजस्थान में स्थित है और इसके इस मंदिर का गुणगान हर कोई करता है इस मंदिर में स्थित बालाजी महाराज जिन्हें हम श्री हनुमान जी भी कहते हैं बहुत सारे दुखों से पीड़ित,आत्माओं से सताए हुए लोगों के दुखों को दूर करते हैं और उनको परेशानी से मुक्त करते हैं.

Mehndipur balaji history in hindi
Mehndipur balaji history in hindi

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भारत देश से ही नहीं विदेशों से भी यहां पर हजारों की संख्या में लोग आते हैं बालाजी महाराज के हमारे देश में बहुत सारे मंदिर हैं लेकिन मेहंदीपुर बालाजी महाराज का मंदिर की बात ही कुछ अलग है यह मंदिर वास्तव में हर एक के दुखों को मुक्त करने वाला मंदिर है चलिए पढ़ते हैं इस मंदिर के बारे में विस्तारपूर्वक

मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर राजस्थान में जयपुर से लगभग 66 किलोमीटर दूरी पर स्थित है इस स्थान पर लोग सड़क मार्ग,रेल मार्ग या वायु मार्ग के जरिए आ सकते हैं.बहुत से लोग जो बीमार दुखी और भूत-प्रेतों से पीड़ित हैं वह इस मंदिर में विशेष रूप से आते हैं और अपने दुखों को हमेशा के लिए मुक्त करते हैं.

इस मंदिर के बारे में एक कहानी भी प्रसिद्ध है आज से कई सालों पहले श्री हनुमान जी महाराज यहां पर प्रकट हुए थे इसी वजह से यहां पर यह मंदिर बनाया गया था.इस मंदिर का उद्देश्य मानव जाति को दुखों से मुक्त करना है और भूत-प्रेतों से उन्हें मुक्ति दिलाना है.
बालाजी महाराज के मंदिर में श्री प्रेतराज सरकार और कोतवाल कप्तान यानी भैरव जी की मूर्ति है इस मंदिर में लोग विशेषकर हनुमान जयंती के दिन आते हैं इसके अलावा भी हजारों की संख्या में लोग मंदिर पर हमेशा देखने को मिलते है.

जो इंसान बुरी आत्माओं के प्रकोप से पीड़ित है वो यहां पर बूंदी के लड्डू या दरखास्त लगाते है.जैसे ही आप इस मंदिर के अंदर प्रवेश करते हैं तो वहां पर बहुत सारे लोग आपको चिल्लाते हुए नजर आते हैं एकदम से ही वहां का दृश्य आपको बदलता हुआ नजर आता है. कुछ लोग वहां पर जोर जोर से सिर हिलाते हुए नजर आते हैं तो कुछ लोग दीवार में अपना सिर देते हुए नजर आते हैं इस तरह से कई तरह के भयानक दृश्य हमें इस मंदिर के आसपास देखने को मिलते हैं क्योंकि यहां पर ज्यादातर लोग वही आते हैं जो भूत प्रेत से सताए हुए होते हैं.

इस मंदिर के आस पास और भी कई मंदिर हैं भक्तगण इनका भी दर्शन करते हैं इन मंदिरों में काली माता जी का मंदिर जो कि एक पहाड़ पर स्थित है यहां पर अंजनी माता का मंदिर भी है,गणेश जी का और पंचमुखी हनुमान जी का भी मंदिर यहां पर स्थित है.

इस मंदिर में जो भी भक्त गण कुछ भी दान करता है उसका उपयोग गरीब लोगों की मदद करने के लिए किया जाता है इस मंदिर से अगर आप वापस आने के लिए तैयार होते है तो आप जाते समय पीछे मुड़कर ना देखे. इस मंदिर में आपको किसी को छूना भी नहीं चाहिए.
आप इस मंदिर में लाये हुए किसी भी तरह के खाने या प्रसाद को अपने घर पर नहीं ले जा सकते यह वर्जित है आप प्रसाद को यहीं पर खाकर या आस-पास के लोगों में बांटकर घर पर जाएं या यहीं पर छोड़कर जाएं.

मुस्लिम शासन काल मैं बादशाहो ने इनकी मूर्ति को नष्ट भी करने की कोशिश की थी लेकिन वह इसमें असफल रहे वह जितनी इस मूर्ति को नष्ट करते उसकी जड़ इतनी गहरी होती चली जाती. आखिर में मुस्लिम बादशाहों ने हार मान ली थी.इस मंदिर से संबंधित और भी कई कहानियां हैं वास्तव में बालाजी महाराज का मंदिर हर किसी के दुखों को दूर करने में सहायक है. विज्ञान भले ही इस बारे में न माने लेकिन यहां की इस आलोकिक शक्ति ने बहुत से लोगों के दुख दर्द दूर किए हैं और भूत-प्रेतों से मुक्त किया है.

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