घायल सैनिक की आत्मकथा निबंध Ghayal sainik ki atmakatha essay in hindi

Ghayal sainik ki atmakatha essay in hindi

हेलो दोस्तों आज हम आपके लिए Ghayal sainik ki atmakatha essay in hindi प्रस्तुत कर रहे हैं यह निबंध केवल जानकारी बढ़ाने के लिए है इसका उपयोग परीक्षार्थी अपनी परीक्षा में लिखने के लिए यहां से जानकारी ले सकते हैं तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस निबंध को.

Ghayal sainik ki atmakatha essay in hindi
Ghayal sainik ki atmakatha essay in hindi

मैं एक घायल सैनिक हूं मैं अपने देश की सुरक्षा करते-करते घायल हो गया हूं लेकिन मुझे गर्व है कि मैं अपने देश के लिए कुछ ना कुछ तो काम आया.देश के दुश्मन हमारे देश पर आक्रमण कर रहे थे मैंने अपनी जान की बिल्कुल भी परवाह नहीं की और उनसे मुकाबला करके उनको भगा दिया भले ही इसमें मैं घायल हो गया हूं लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मैं देश के लिए अपने आपको समर्पित समझता हूं.

मैं जब छोटा था तब यही सोचा करता था कि एक दिन सैनिक बनकर अपना अपने परिवार वालों और अपने गांव वालों का नाम रोशन करुंगा मेरे पिताजी भी एक सैनिक थे उनके अंदर भी देश को सुरक्षित रखने के प्रति जोश और जुनून था वह भी कभी देश की सुरक्षा के लिए पीछे नहीं हटे.वह देश की सुरक्षा के लिए अपने कदम आगे बढ़ाते गए मेरे पिताजी के पिताजी भी एक सैनिक थे जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और हम सभी को आजादी दिलाने में मदद की.मैं बहुत ही खुशनसीब समझता हूं अपने आपको की मैं आज देश का सैनिक हूं.

मैं जब स्कूल में पढ़ता था तो मेरे दोस्त अक्सर बड़े होकर कुछ बनने की बातें किया करते थे कोई डॉक्टर,इंजीनियर,मास्टर,बड़ा बिजनेसमैन बनने की सोचता था और पैसा कमाने की सोचता था लेकिन मेरे लिए ये सब कुछ भी ज्यादा मायने नहीं रखता था क्योंकि मैं एक सैनिक का लड़का था मेरे खून में सिर्फ और सिर्फ एक ऐसा उबाला था जो दुश्मनों से सामना करने के लिए ही बना था मैं अक्सर अपने दोस्तों से कहता था कि मैं अपने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दूंगा और एक दिन अपने देश का नाम बहुत ऊंचा करूंगा.

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मैंने स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद आगे की पढ़ाई जारी रखी और एक सैनिक बनने के लिए बहुत सी परीक्षाएं भी पास की और आखिर में सैनिक बन गया जब मैं सैनिक बना तो मुझे बहुत खुशी हुई थी क्योंकि मैं अपने पिताजी की तरह अपने देश के लिए कुछ कर सकूंगा अगर मैं देश की सुरक्षा करते करते शहीद हो जाऊं तो यह मेरे लिए बड़े ही गर्व की बात होगी लेकिन मेरा देश सुरक्षित रहना चाहिए मैं मेरे देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दे दूंगा.

जब मैं सैनिक बनकर यहां पर आया तो मेरा परिवार थोड़ा भावुक जरूर हुआ लेकिन उन्होंने मुझे नहीं रोका क्योंकि वह भी चाहते थे कि मैं अपने देश की सुरक्षा करु,अपने देश के लिए कुछ करूं.मेरे पिता ने मुझे यहां आने के प्रति मेरा उत्साह बढ़ाया क्योंकि उनके लिए अपने लड़के से बढ़कर अपना देश है देश की सुरक्षा है.

मेरा पूरा देश मेरे परिवार के समान है मैं हर समय अपने इस परिवार की सुरक्षा के लिए सोचता हूं जब पाकिस्तानियों ने अपने इस भारत देश पर आक्रमण किया तो मैंने अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए पूरी कोशिश की और मैं आज घायल हो गया भले ही मैं रहूं या ना रहूं लेकिन मुझे देख कर मेरे भाई का खून और भी खोलेगा और वह दुश्मनों के छक्के छुड़ा देंगे.चलो मुझे इतना तो गर्व है कि मेरी वजह से मैंने अपने पूरे देश को एक बड़े खतरे से बचा लिया आज हमारा देश सुरक्षित है ये मुझे बहुत खुशी है.

आज मेरे बीवी बच्चे,मां बाप को जब ये पता लगेगा तो जरूर ही बहुत दुख होगे कि मैं घायल हो गया हूं लेकिन मुझे खुशी है कि घायल होकर मैंने अपने देश को बचा लिया है जब दुश्मनों ने मुझे घायल किया तो मैं और भी खतरनाक हो गया था और दुश्मन मुझसे और भी डरने लगे थे क्योंकि कहते हैं कि घायल शेर खतरनाक होता है वह मुझ घायल सैनिक को देखकर भागने लगे क्योंकि मैं वैसे भी घायल हो गया था मैं किसी से नहीं डर रहा था मैं बस उनका लगातार सामना किए जा रहा था.

मेरे मां बाप और मेरी पत्नी को मेरे ऊपर जरूर ही गर्व होगा मैं अपने पूरे देशवासियों से,अपने पूरे परिवार से कहना चाहता हूं कि अगर मुझे कुछ हो जाए तो दुखी मत होना बल्कि खुशी मनाना कि मैंने अपने देश को बड़ी मुसीबतों से बचा लिया है.

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