दीवाली मेला पर निबंध Diwali mela essay in hindi
Diwali mela essay in hindi
Diwali mela – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से दिवाली मेला पर लिखे निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और दिवाली मेला पर लिखे इस निबंध के बारे में पढ़ते हैं ।
दिवाली का त्योहार हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है । हिंदू धर्म में दिवाली का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है । दिवाली के त्यौहार के 1 महीने पहले से ही हिंदू धर्म के सभी लोग अपने घरों में तैयारियां शुरू कर देते हैं क्योंकि यह त्यौहार खुशी लेकर आता है । सभी दिवाली के त्यौहार पर बाजार जाकर नए नए कपड़े खरीदते हैं और सभी अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं ।
दिवाली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए मनाया जाता है क्योंकि राम भगवान ने बुराई का नाश करके अच्छाई को जीत दिलाई थी । उसी के उपलक्ष में दिवाली का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है ।दिवाली के त्यौहार पर कई जगह पर मेला लगाया जाता है और मेले में काफी भीड़ एकत्रित होती है । सभी मेले से कपड़े , जूते एवं सजावट के सामान खरीदते हैं और अपने घर को सुंदर बनाते हैं ।
भारत की राजधानी दिल्ली में दिवाली का मेला – भारत की राजधानी दिल्ली में दिवाली का मेला लगता है और उस मेले में काफी लोग एकत्रित होते हैं । दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में दिवाली का बहुत अच्छा मेला लगता है । दिल्ली के साउथ में यह मेला लगता है । जहां पर काफी भीड़ एकत्रित होती है । मेले में बच्चों के लिए एवं बड़ों के लिए कपड़ों की दुकानें लगती हैं । जहां पर काफी लोग कपड़े खरीदने के लिए आते हैं । मेले में मिठाइयां , खाने-पीने की दुकानें भी लगती हैं ।
मेले से सभी लोग कपड़े , जूते , घर को सजाने के लिए तरह-तरह के सामान लेकर जाते हैं । घर को लाइट से सजाने के लिए चमकीली , रंग बिरंगी लाइट भी इस मेले मेंं बिकती हैं और सभी लाइट को ले जाकर अपने घरों में लगाते हैं और घर जगमगा उठता है । मेले में रंग बिरंगे दीपक भी बिकते हैं । मेले में सभी तरह के सामानो की दुकानें लगती हैं । यह मेला काफी सालों से लगता आ रहा है । इस मेले को देखने के लिए काफी लोग आते हैं । आसपास के लोग इस मेले को देखने के लिए अवश्य आते हैं ।
यह मेला काफी दिनों से लगाया जा रहा है । इस मेले में काफी भीड़ देखने को मिलती है । पुलिस प्रशासन के द्वारा इस मेले में कई तरह का योगदान दिया जाता है । पुलिस वहां पर मौजूद होती है । किसी तरह की कोई यदि समस्या आती है तो पुलिस वहां के नागरिकों की मदद करती है । दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में दिवाली के मेले की धूमधाम रहती है और उस मेले को देखने के लिए काफी लोग आते हैं । यह दिल्ली का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध मेला है । इस मेले में दूर-दूर से दुकानें लगने के लिए आती हैं और 10 दिनों तक यह मेला चलता है ।
इस मेले में हर तरह के सामान बिकने के लिए आते हैं और सभी उस मेले में आनंद की अनुभूति करते हैं । यह मेला काफी सालों से लगाया जा रहा है । 52 साल पहले इस मेले की शुरुआत की गई थी और आज भी यह मेला डिफेंस कॉलोनी दिल्ली में लगाया जाता है । काफी लोगों की आस्था इस मेले से जुड़ी हुई है । इस मेले में बच्चों के लिए एवं बड़ों के लिए बड़े , छोटे झूले लगाए जाते हैं और झूलों पर झूल कर सभी आनंद प्राप्त करते हैं ।
दिल्ली के सुंदर नगर का दिवाली मेला – दिल्ली के सुंदर नगर में दिवाली का मेला बड़े धूमधाम से लगता है । इस मेले में घरों को सजाने वाले सभी सामानों की दुकानें लगाई जाती हैं और सभी लोग इस मेले को देखने के लिए आते हैं । दिल्ली के सुंदर नगर का यह मेला कई दिनों से लगता आ रहा है । सभी को इस मेले के लगने का इंतजार रहता है । जब यह मेला लगता है तब सभी अपने परिवार के साथ इस मेले को देखने के लिए आते हैं ।
मेले में तरह-तरह की खाने पीने की दुकानें लगती हैं और सभी लोग मेले में आकर अपने परिवार के साथ नए-नए व्यंजनों को खाकर आनंद की अनुभूति करते हैं । मेले से सभी लोग नए नए कपड़े , पटाखे , जूते , साड़ियां खरीद कर अपने घर पर ले जाते हैं क्योंकि दिवाली का त्यौहार हमारे भारत का सबसे बड़ा त्यौहार है । हिंदू धर्म के लोगों की आस्था दिवाली के त्योहार से जुड़ी होती है । सभी हिंदू धर्म के लोगों के घरों में दिवाली की तैयारी 1 महीने पहले से ही की जाती है ।
सभी लोग दिवाली पर नए नए कपड़े पहन कर , नई-नई मिठाइयां खा कर इस त्योहार को मनाते हैं ।पूजा करने के बाद सभी पटाखे , फुलझड़ियां चलाते हैं ।फूलों से बने हुए गुलदस्ते की दुकानें भी मेले में लगती हैं ।गुलदस्ते के साथ साथ मेले में सुंदर-सुंदर रंग बिरंगी लाइट बिकती है और सभी सुंदर-सुंदर लाइट को अपने घरों में ले जाकर लगाते हैं । जब वह लाइट जगमगाती है तब घर बहुत सुंदर लगता है । कई लोग सुंदर नगर के मेले की प्रतीक्षा पहले से करते रहते हैं । जब यह मेला लगता है तब अपने परिवार के साथ इस मेले को देखने के लिए अवश्य आते हैं ।
नानकमत्ता साहिब उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में दिवाली का मेला – उत्तराखंड के उधम सिंह नगर नानकमत्ता साहिब में दिवाली का मेला बहुत धूमधाम से लगता है । इस मेले में काफी लोग घूमने के लिए आते हैं ।इस मेले को देखने के लिए सिख पंत समाज के लोग आते हैं और मेले को घूम कर आनंद की अनुभूति करते हैं । यह मेला 10 दिनों तक लगाया जाता है । मेले में मौत का कुआं , झूले , काला जादू , इंद्रजाल भी दर्शकों के लिए लगाया जाता है । मौत के कुए को देखने के लिए काफी दूर-दूर से लोग इस मेले में घूमने के लिए आते हैं और आनंद की अनुभूति करते हैं ।
सिख समुदाय के लोगों की आस्था इस मेले से जुड़ी हुई है क्योंकि यह मेला काफी सालों पुराना मेला है । इस मेले में सिख समुदाय के साथ साथ आदिवासी के लोग भी आते हैं । आसपास में रहने वाले आदिवासी लोग इस मेले का इंतजार साल भर से करते हैं । जब यह मेला लगता है तब आदिवासी अपने परिवार के साथ इस मेले में घूमने के लिए आते हैं । इस मेले को लगाने की तैयारी एक दो महीने पहले से ही की जाती है । इस मेले में हर तरह की पूरी व्यवस्था जनता के लिए की जाती है ।
कोई लूटमार ना हो , चोरी डकैती ना हो इसके लिए पुलिस प्रशासन भी अपना योगदान देती है । प्रशासन के द्वारा वहां पर जनता के लिए पीने का पानी भी रखा जाता है और शहर को एक महीने पहले से ही सजाया जाता है क्योंकि वहां पर हजारों की संख्या में लोग घूमने के लिए आते हैं । यह मेला बहुत पुराना मेला है । यह मेला नानकमत्ता साहिब उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में कई सालो लगता आ रहा है । इस मेले में सिख समुदाय के द्वारा बाहर से आने वाले लोगों के लिए खाने की व्यवस्था भी की जाती है ।
जब तक यह मेला लगता है गुरुद्वारे में लंगर लगता है । जहां पर लोग आकर प्रसाद ग्रहण करते हैं । नानकमत्ता साहिब में 200 कमरों की सराय है । वहां पर सभी लोगों के रुकने की व्यवस्था की जाती है । दिवाली पर यह मेला सभी लोगों के लिए खुशी लेकर आता है । सभी लोग नए नए कपड़े , जूते , साड़ियां आदि खरीदते हैं । यहां पर रंग-बिरंगे दीपक बिकते हैं और सभी लोग उन दियो को खरीदकर अपने घरों में ले जाते हैं और दिवाली के समय दीपक जलाकर दिवाली का स्वागत करते हैं ।
इस मेले को देखने के लिए रानाथारू जनजाति के लोग भी आते हैं और मेले को देखकर आनंद की अनुभूति करते हैं । इस तरह से सभी धर्म के लोग नानकमत्ता साहिब के दिवाली के मेले को देखने के लिए आते हैं । पुलिस प्रशासन के द्वारा इस मेले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं जिससे कि मेले में किसी तरह का कोई भी लड़ाई झगड़ा ना हो पाए ।
दिवाली का मेला सभी लोगों के लिए खुशी लेकर आता है और हम सभी को मेले का इंतजार कई दिनों से रहता है क्योंकि दिवाली पर हम सभी सज-धज कर , घरों की साफ सफाई करने के साथ-साथ मां लक्ष्मी जी की पूजा भी करते हैं । जिससे कि हमें सुख शांति समृद्धि प्राप्त होती है ।
छत्तरपुर के देसु कॉलोनी के नेचर बाजार में दिवाली का मेला – जिस तरह से दिवाली के समय में पूरे भारत में धूमधाम रहती है , दिवाली की तैयारियां 1 महीने पहले से शुरू की जाती है उसी तरह से छतरपुर के देसू कॉलोनी के नेचर बाजार में मेले की तैयारी बड़े धूमधाम से की जाती है और काफी लोग इस मेले को देखने के लिए आते हैं । गांव से लेकर दूर दूर शहरों से इस मेले को देखने के लिए लोग आते हैं । मेले में मौत का कुआं , झूले और सर्कस भी लगाए जाते हैं । सर्कस को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं ।
सभी लोग मेले में हाथी घोड़े का डांस देखकर अपने जीवन में आनंद की अनुभूति करते हैं । छत्तरपुर के इस मेले में नए-नए कपड़ों की दुकानें भी लगती हैं और एक से एक कपड़े देखकर सभी को खुशी होती है और सभी का मन कपड़ों को खरीदने का करता है । दिवाली से पहले सभी लोग नए नए कपड़े , जूते खरीद कर अपने घर ले जाते हैं और लाखों की बिक्री इस मेले में दुकानदारों की होती है । दूर-दूर से दुकाने इस मेले में लगने के लिए आती है । टेंटों में दुकानों को लगाया जाता है ।
सभी को दिवाली की खुशी होती है और सभी इस मेले को देखने के लिए आते हैं । मेले में डांस प्रतियोगिता भी होती है । मेले में खाने-पीने के व्यंजनों की दुकानें भी लगती हैं । मेले में सभी लोग अपने बच्चों को लेकर आते हैं और मेले में से उनको नए नए कपड़े दिलवाते हैं । मेले में पटाखों की दुकानें भी लगी होती हैं और सभी लोग मेले से पटाखे खरीद कर अपने घर ले जाते हैं । मेले में बड़ी-बड़ी साड़ियों की दुकानें भी लगाई जाती हैं और उन साड़ियों की दुकानों से सभी साड़ी खरीद कर अपने घरों पर ले जाते हैं ।
गुना में धनतेरस के दिन दिवाली के मेले में बर्तनों की दुकान – गुना में दिवाली धनतेरस के दिन बर्तनों की दुकानों को सजाया जाता है क्योंकि दिवाली के धनतेरस पर हमारे हिंदू धर्म में यह परंपरा है कि नया बर्तन खरीद कर घर पर लाने से घर में सुख शांति , समृद्धि आती है , लक्ष्मी का वास होता है । इसलिए गुना में धनतेरस के दिन पूरे बाजार को सजाया जाता है । बर्तनों की दुकानों पर भीड़ दिखाई देती है । सभी लोग बर्तनों की दुकान पर जाकर नए नए बर्तन खरीदते हैं । लाखों , करोड़ों का व्यापार धनतेरस के दिन किया जाता है ।
बर्तनों की दुकानों पर भगवान की मूर्तियां भी मिलती हैं । कुछ लोग भगवान की मूर्तियां खरीद कर अपने घर पर लाते हैं और मंदिर में स्थापीटत करते हैं क्योंकि सभी लोगों की आस्था है कि धनतेरस के दिन बर्तन या भगवान खरीदने से घर में लक्ष्मी का वास होता है , घर में सुख शांति आती है ।इसलिए गुना शहर में बर्तनों का मेला लगता है । इस मेले में सभी लोग बाजारों में आते हैं और बर्तनों को खरीदते हैं ।
राजस्थान के उदयपुर में दशहरा दिवाली का मेला – राजस्थान के उदयपुर में दशहरा दिवाली का मेला बड़े ही धूमधाम से लगाया जाता है । इस मेले की तैयारी राजस्थान की सरकार के द्वारा एक दो महीने पहले से ही की जाती हैं । मेले में दुकानों का आवंटन सरकार के द्वारा किया जाता है क्योंकि मेले में हर तरह के व्यंजनों की दुकानें लगाई जाती हैं । मेले में रंग-बिरंगे नए नए कपड़ों की दुकान भी लगाई जाती हैं । उदयपुर का यह मेला राजस्थान राज्य का सबसे प्रसिद्ध मेला है ।
इस मेले को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और आनंद की अनुभूति करते हैं । मेले में डांस प्रतियोगिताएं भी की जाती हैं । राजस्थान भारतीय संस्कृति का सबसे अच्छा राज्य माना जाता है क्योंकि राजस्थान की संस्कृति बहुत अच्छी है । राजस्थान की संस्कृति को यदि देखना है तो उदयपुर के मेले को देखने के लिए अवश्य जाना चाहिए ।इस मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी कराये जाते हैं । जिसमें कई बालक एवं बालिकाए भाग लेते हैं । इस मेले में पुलिस प्रशासन पर सभी लोगो की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती हैं ।
मेले में आने वाले लोगों के लिए सरकार के द्वारा हर तरह की सुविधा प्रदान की जाती है । यह राजस्थान के उदयपुर का सबसे फेमस मेला है । इस मेले को देखने के लिए हमें अवश्य जाना चाहिए ।
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